ये विधियाँ अपने पर्यावरणीय प्रभाव, लागत और दक्षता में भिन्न होती हैं,

जीवाश्म ईंधन: कोयला, प्राकृतिक गैस आदि को जलाकर भाप उत्पन्न की जाती है, जो जनरेटर से जुड़े टर्बाइनों को चलाती है।

परमाणु ऊर्जा: जीवाश्म ईंधन के समान, भाप उत्पन्न करने और टरबाइन चलाने के लिए परमाणु विखंडन प्रतिक्रियाओं से उत्पन्न गर्मी का उपयोग करना।

पवन ऊर्जा: टरबाइन ब्लेड को घुमाने के लिए हवा की गतिज ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, जो बदले में बिजली पैदा करने के लिए जनरेटर को घुमाता है।

जल विद्युत: टरबाइनों को चालू करने के लिए बहते या गिरते पानी की ऊर्जा का उपयोग करना, जिससे बिजली उत्पन्न होती है। इसे बांधों, नदियों आदि से प्राप्त किया जा सकता है

सौर ऊर्जा: सेल या सौर पैनलों का उपयोग करके सूर्य के प्रकाश को सीधे बिजली में परिवर्तित करना, जो प्रकाश के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह उत्पन्न करता है।

विधि का चुनाव अक्सर संसाधन उपलब्धता, स्थान, आर्थिक विचार और पर्यावरणीय चिंताओं जैसे कारकों पर निर्भर करता है।