दक्षिण-पश्चिमी भारत के राज्य केरल का इतिहास समृद्ध और विविध है, जो हजारों वर्षों तक फैला हुआ है। अपने पूरे इतिहास में, केरल को उसके भूगोल, व्यापार संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान द्वारा आकार दिया गया है चलिए इसके इतिहास के बारे में जानते हैं

1.प्राचीन काल (प्रागैतिहासिक काल से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक):     केरल का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है, एडक्कल गुफाओं जैसी जगहों पर मानव निवास के प्रमाण मिले हैं। यह क्षेत्र प्राचीन सिल्क रोड का हिस्सा था और इसका मेसोपोटामिया और मिस्र जैसी सभ्यताओं के साथ व्यापारिक संबंध था। प्रारंभिक निवासी मुख्यतः द्रविड़ जनजातियाँ थीं।

2. संगम युग (तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईस्वी तक):    केरल का उल्लेख प्राचीन तमिल साहित्य, विशेषकर संगम साहित्य में मिलता है। चेरा राजवंश, प्राचीन दक्षिण भारत के प्रमुख शासक परिवारों में से एक, इस अवधि के दौरान केरल में अपनी शक्ति का केंद्र था। वे रोमनों, यूनानियों और अरबों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों के लिए जाने जाते थे।

3. मध्यकालीन काल (8वीं शताब्दी ई.पू. से 18वीं शताब्दी ई.पू.):    केरल में चेर, चोल और पांड्य जैसे कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय हुआ। इस काल में हिंदू धर्म का प्रसार हुआ । यह क्षेत्र मसाला व्यापार का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया, जिसने दुनिया भर के व्यापारियों को आकर्षित किया।

4. औपनिवेशिक युग (15वीं शताब्दी ई.पू. से 20वीं शताब्दी ई.पू.):    केरल अपने मसाला व्यापार पर नियंत्रण चाहने वाली यूरोपीय शक्तियों के लिए युद्ध का मैदान बन गया। 16वीं शताब्दी की शुरुआत में पुर्तगाली इस क्षेत्र में औपनिवेशिक उपस्थिति स्थापित करने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके बाद डच आये, । आख़िरकार, 18वीं सदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने केरल पर नियंत्रण हासिल कर लिया।

5. स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के बाद का युग (20वीं शताब्दी ई.पू. से आगे):    1947 में जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली तो केरल स्वतंत्र भारत का हिस्सा बन गया। प्रारंभ में इसे तीन रियासतों - त्रावणकोर, कोचीन और मालाबार में विभाजित किया गया था।

1956 में, इन राज्यों को केरल राज्य बनाने के लिए विलय कर दिया गया जैसा कि हम आज जानते हैं। केरल ने तब से शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सामाजिक विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे इसे भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक होने की प्रतिष्ठा मिली है।